Saturday, May 31, 2008

सुल्तान बाज़ार


सन् १९३३ से पहले यह इलाक़ा Residency Bazaar के नाम से प्रसिद्ध था। रेसिडेंसी, जहाँ पर ब्रटिशरेसिडेंट निवास करता था, वह अब Kothi Women's College है। सन १९३३ में यह क्षेत्र निज़ाम कोवापस लोटा दिया गया। तब से इसे सुलतान बाज़ार के नाम से जाना जाने लगा। कोठी से बड़ी चावड़ी तक फ़ैला यह इलाका भाग्यनगर के busy इलाकों में से एक है। यहाँ पर कपडों, दवाइयों, पुस्तकों के काफ़ी दुकानें हैं। आर्य समाज की भव्य इमारत, परमेश्वरी-महेश्वरी सिनेमा हॉल (जो अब शायद एक मॉल में तब्दील हो रहा है), इत्यादि, सुलतान बाज़ार की सबसे प्रमुख इमारतों में से हैं। सिनेमा - घरों में से अब सिर्फ एक ही रह गया है - वह है तारकरामा। पहले दो और सिनेमा - घर हुआ करते थे - दिलशाद एवम् रॉयल, जो अब कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में तब्दील हो गए हैं।

Friday, May 23, 2008

बेगमबाज़ार



निज़ाम अली ख़ान निज़ाम - उल - मुल्क की पत्नी हुम्दा बेग़म ने यह ज़मीन हैदराबाद के व्यापारियों कोअपना व्यापार बढ़ाने के लिए उपहार में दी थी। यह मुहल्ला आगे चल कर बेग़म बाज़ार के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

यह मुहल्ला भाग्यनगर के पुराने मुहल्लों में से माना जाता है।

Thursday, May 22, 2008

खैरताबाद


इब्राहिम कुली कुतुब शाह की बेटी खैर-उन्नसा बेग़म को दी गयी यह जागीर, खैरताबाद के नाम से जानी जाने लगी।

यह मुहल्ला Indian Institute of Engineers एवम् Administrative Staff College (Bella Vista) के लिए प्रसिद्ध है। ASC निज़ाम द्वारा १९१० में निर्मित भवन में स्थित है जिसका नाम उसके फ्राँसीसि निर्माणकर्ता ने Bella Vista रखा था, जिसका अर्थ होता है मनमोहक दृष्य और Bella Vista से हुसैनसागर का दृष्य अति मनोरम हुआ करता था। खैरताबाद में हर वर्ष गणेश चतुर्थी के उपलक्ष में हैदराबाद - सिकन्दराबाद की सबसे विशाल गणेश प्रतिमा की स्थापना की जाती है। यहाँ पर ETV Television Channel का कार्यालय भी है।

Sunday, May 18, 2008

बेग़मपेट

द्वितीय निज़ाम की बेटी - बशीर-उन्निसा बेग़म का विवाह पाएगाह परिवार में हुआ था। वीवाह में जो जागीर उनको मिली थी वह बेग़मपेट के नाम से जानी जाती है। हैदराबाद के posh localities में से बेग़मपेट एक है। हैदराबाद विमान-पत्तन गत मार्च तक यहीं पर था। अब सारे अंतर राष्ट्रीय एवम घरेलू विमान शमशाबाद स्थित राजीव गाँधी हवाई अड्डे पर आते - जाते हैं। हैदराबाद पब्लिक स्कूल, जो नगर के विख्यात विद्यालयों में से है, बेग़मपेट में है। पहले यह जागीरदार कालेज हुआ करता था।

नामपल्ली

१६७० ई में निज़ाम राज्य के दिवान थे रज़ा अली ख़ान जिनको "नेक नाम ख़ान" की उपाधी दी गई थी। निज़ाम द्वारा उनको दी गई जागीर "नेक-नाम पल्ली" नाम से प्रसिद्ध हुई। धीरे-धीरे यह नामपल्ली के प्रचलित हुई। हैदराबाद रेलवे स्टेशन इसी मुहल्ले में स्थित है। नामपल्ली स्टेशन से कुछ ही दूर पर बाग़-ए-आम है जो अब "Public Gardens" के नाम से प्रसिद्ध है। मुअज़म जाही मार्केट से नामपल्ली के बीज आता है नुमाइश मैदान और कुछ ही दूरी पर है गाँधी भवन। आगे एक-मिनार मस्जिद और नामपल्ली दरगाह है।

Saturday, May 17, 2008

बाग़ों का शहर - हैदराबाद

भाग्यनगर किसी ज़माने में बाग़ों का नगर हुआ करता था। बाग़ तो अब गायब हो गए हैं किन्तु उनके नाम अभी भी रह गए हैं।
उन में से कुछ बाग़ - देवीदीन बाग़, देवी बाग़, फूलबाग़, मुरलीधरबाग़, कन्दास्वामी बाग़, इन्दर बाग़, इब्राहिम बाग़, नज़्री बाग़, ईडन बाग़, जामबाग़, बशीरबाग़, मूसारामबाग़, सीतारामबाग़, अकबरबाग़, ज़ेबाबाग़, कंचनबाग़, लालबाग़, बाग़-लिंगमपल्ली, बाग़-अंबरपेट, कुन्दनबाग़, इत्यादि-इत्यादि।
यह बाग़ तो गायब हो गए हैं, इनकी जगह concrete jungle ने ले ली है।

Northwards Expansion

The city of Hyderabad - Bhagyanagar started expanding northwards across the Musi from the 19th Century. A series of villages came up which were later amalgamated into the twin-cities, still continuing to be known by their original names. These villages were - Mallepally, Nampally, Gowliguda, Lingampally, Kachiguda, domalguda, saidabad, nallakunta, Ramkote, Malakpet, Seetarambagh, etc.

Welcome!

I am creating this blog to share information regarding the various localities of the beautiful city of Bhagyanagar, aka, Hyderabad, that I have gathered from various sources including the internet. Depending on my mood, I may prefer to write in Devanagri - Hindi or in English. So readers, kindly bear with me.