Wednesday, November 26, 2008

मुंबई पर एक और आतंकी हमला

मुंबई में आतंकवादियों के अनेक दस्ते घुस आए हैं और इनहों ने सोलह अलग - अलग स्थलों पर हमला करने की ख़बर आई है। मुंबई की दो पाँच-सितारा होटल - ओबेरॉय एवम ताज में आतंकी घुस आए हैं और कई लोगों को बंधक बना लिया है। बंधकों में कई विदेशी सैलानी भी हैं।
उधर नगर में जगह - जगह पर अंधा - धुंध गोलीबारी की गई है। अब तक ८० लोगों के मारे जाने की एवम २०० लोगों के घायल होने की ख़बर है। बताया जा रहा है कि ये आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे। भारत के इतिहास में यह सब से बड़ा आतंकी हमला है। इस प्रकार का फ़िदायीन हमले की घटनाएँ अब तक सिर्फ़ कश्मीर में देखी - सुनी जाती थी।

Thursday, July 3, 2008

Secunderabad



Sikander-abad - the twin of Bhagyanagar was a small village, named after the III Nizam, Sikander Jah. During his reign, the British were stationed in this village.

This bustling city is now a commercial hub. However it'll take another blog to write about it. Here we'll be restricting ourselves to Bhagyanagar (Hyderabad).

Afzalgunj


Afzal-ud-daulah, the V Nizam gifted land to grain-merchants for the purpose of trade and commerce. This land-gift was named after him as Afjzal-gunj.

This locality is situated on the Northern Banks of River Musi, between Begum Bazaar and Gowliguda - Jambagh.

The famous and historic State Central Library in its near-dilapidated state of existence, is the prominent feature of this area. The other being the famous and equally historic Osmania Hospital, an imposing building built by the Nizams, which once catered to the needs of sick but now which is now in a pretty bad shape due to lack of proper management.

Afzalgunj is a busy area dotted with small - small commercial establishments, majority of them being Tourist offices and general merchants.

Over-looking this area, on the Southern Banks of Musi, we can see the two architectural marvels of Nizam - era, the Andhra Pradesh High Court and the Salarjung Museum.

The Muslim Jung Bridge connects Afzal-gunj to the Old City.



Saturday, May 31, 2008

सुल्तान बाज़ार


सन् १९३३ से पहले यह इलाक़ा Residency Bazaar के नाम से प्रसिद्ध था। रेसिडेंसी, जहाँ पर ब्रटिशरेसिडेंट निवास करता था, वह अब Kothi Women's College है। सन १९३३ में यह क्षेत्र निज़ाम कोवापस लोटा दिया गया। तब से इसे सुलतान बाज़ार के नाम से जाना जाने लगा। कोठी से बड़ी चावड़ी तक फ़ैला यह इलाका भाग्यनगर के busy इलाकों में से एक है। यहाँ पर कपडों, दवाइयों, पुस्तकों के काफ़ी दुकानें हैं। आर्य समाज की भव्य इमारत, परमेश्वरी-महेश्वरी सिनेमा हॉल (जो अब शायद एक मॉल में तब्दील हो रहा है), इत्यादि, सुलतान बाज़ार की सबसे प्रमुख इमारतों में से हैं। सिनेमा - घरों में से अब सिर्फ एक ही रह गया है - वह है तारकरामा। पहले दो और सिनेमा - घर हुआ करते थे - दिलशाद एवम् रॉयल, जो अब कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में तब्दील हो गए हैं।

Friday, May 23, 2008

बेगमबाज़ार



निज़ाम अली ख़ान निज़ाम - उल - मुल्क की पत्नी हुम्दा बेग़म ने यह ज़मीन हैदराबाद के व्यापारियों कोअपना व्यापार बढ़ाने के लिए उपहार में दी थी। यह मुहल्ला आगे चल कर बेग़म बाज़ार के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

यह मुहल्ला भाग्यनगर के पुराने मुहल्लों में से माना जाता है।

Thursday, May 22, 2008

खैरताबाद


इब्राहिम कुली कुतुब शाह की बेटी खैर-उन्नसा बेग़म को दी गयी यह जागीर, खैरताबाद के नाम से जानी जाने लगी।

यह मुहल्ला Indian Institute of Engineers एवम् Administrative Staff College (Bella Vista) के लिए प्रसिद्ध है। ASC निज़ाम द्वारा १९१० में निर्मित भवन में स्थित है जिसका नाम उसके फ्राँसीसि निर्माणकर्ता ने Bella Vista रखा था, जिसका अर्थ होता है मनमोहक दृष्य और Bella Vista से हुसैनसागर का दृष्य अति मनोरम हुआ करता था। खैरताबाद में हर वर्ष गणेश चतुर्थी के उपलक्ष में हैदराबाद - सिकन्दराबाद की सबसे विशाल गणेश प्रतिमा की स्थापना की जाती है। यहाँ पर ETV Television Channel का कार्यालय भी है।

Sunday, May 18, 2008

बेग़मपेट

द्वितीय निज़ाम की बेटी - बशीर-उन्निसा बेग़म का विवाह पाएगाह परिवार में हुआ था। वीवाह में जो जागीर उनको मिली थी वह बेग़मपेट के नाम से जानी जाती है। हैदराबाद के posh localities में से बेग़मपेट एक है। हैदराबाद विमान-पत्तन गत मार्च तक यहीं पर था। अब सारे अंतर राष्ट्रीय एवम घरेलू विमान शमशाबाद स्थित राजीव गाँधी हवाई अड्डे पर आते - जाते हैं। हैदराबाद पब्लिक स्कूल, जो नगर के विख्यात विद्यालयों में से है, बेग़मपेट में है। पहले यह जागीरदार कालेज हुआ करता था।